۩ इब्ने रजब हम्बली (795 हिजरी) फरमाते है,
“अल्लाह ने अपनी किताब (कुरआन) के अलावा किसी भी किताब को कामिल (perfect) करने से इंकार किया है। और आदिल और नेक आदमी वह जै जो किसी की कुछ ग़लतियों को माफ कर देता है इसकी वजह से कि वह बहुत बार सहीह था।”
अल क़वाईद पेज 3.
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