اقرأ باسم ربك الذي خلق

दो सज्दों के बीच की दुआ


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۞ दो सज्दों के दर्मियान पढ़ी जाने वाली दुआएं यह है:

۩1. हुज़ैफा रज़िअल्लाहु तआला अन्हु रिवायत करते है, रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम दोनों सज्दों के दर्मियान पढ़ा करते थे

“रब्बिग़ फिरली रब्बिग़ फिरली” [अरबी तस्वीर]

(ऐ मेरे रब मुझे माफ फरमा, ऐ मेरे रब मुझे माफ फरमा)

सुनन अबु दाऊद, किताब अल सलात (2), हदीस 874, इमाम हाकिम और इमाम ज़हबी ने सहीह करार दिया है।

۩2. इब्ने अब्बास रज़िअल्लाहु तआला अन्हुमा रिवायत करते है कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम दोनों सज्दों के दर्मियान (यह) पढ़ते:

“अल्लाहुम्मग़फिरली वरहमनी वआफिनी वअहदिनी वरज़ुक़नी” [अरबी तस्वीर]

(ऐ अल्लाह! मुझे बख्श दे, मुझ पर रहम फरमा, मुझे आफियत से रख, मुझे हिदायत दे और मुझे रोज़ी अता कर)

सुनन अबु दाऊद, किताब अल सलात (2), हदीस 850, इमाम हाकिम, इमाम ज़हबी और इमाम नववी ने सहीह करार दिया है।

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अल्लाह से दुआ है कि वह हमेंं अमल करने की तौफीक अता करे। आमीन