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अल्हम्दुलिल्लाह..
जी हां जो शख्स भूल कर बिना वुजू नमाज अदा कर ले हमारे लिए दोबारा नमाज अदा करना जरूरी है, क्योंकि अबू हुरैरा र.अ. कहते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ का फरमान है,
"अल्लाह तआला तुम मुझसे किसी बे वुज़ू की बिना नमाज़ क़ुबूल नहीं फरमाता।"
सहीह अल बुखारी, किताब अल वुज़ू (४), हदीस- १३५।
बख़िलाफ़ (इस्के उल्टा) हमें शख़्स के जिस ने किसी नजिस (नापाक) कपडे में भूल कर नमाज़ अदा कर ली तो वह नमाज़ नहीं लौटाएगा (दोबारा नमाज़ नहीं पढ़ेगा), क्यूकी रसूल ﷺ के पास जिब्रील ए अमीन तशरीफ लाए और इन्हें बताया के आप के जूते में गंदगी लगी हुई है, तो नबी ﷺ ने नमाज में ही जूते उतार कर बाकी नमाज अदा कर ली।”
इस हदीस को इमाम अहमद ने मुसनद अहमद ने अबू सईद खुदरी से रिवायत किया है।
ये इस बात की दलील है कि बे-इल्म शख़्स को नमाज दोबारा अदा करने का हुक्म नहीं दिया जाएगा, और इसी तरह उस शक्स को भी जो भूल गया हो कि कपड़े में नजासत लगी हुई है।
स्रोत: इलआम अल-मुसाफिरीन बी बा'द आदाब वा अहकाम अल-सफ़र वा मा यखुस्स अल-मल्लाहीन अल-जव्वियीन, शेख मुहम्मद इब्न सलीह अल-उथैमीन, पी.१२.
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